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कानपुर के बिठूर स्थित रॉयल ड्रीम वर्ल्ड इंटर कॉलेज में स्कूली बच्चों के द्वारा प्लास्टिक से चिड़ियाघर का निर्माण किया।
कानपुर के बिठूर स्थित रॉयल ड्रीम वर्ल्ड इंटर कॉलेज में स्कूली बच्चों के द्वारा प्लास्टिक से चिड़ियाघर का निर्माण किया गया। जिसमें अनोखे अंदाज में प्लास्टिक से बने हुए जानवर, पक्षी, कपड़े, बैग आदि प्रदर्शित किए गये। कार्यक्रम की शुरुआत मातृछाया गुरुकुलम के बच्चों ने गणेश वंदना के साथ की। उसके बाद कक्षा 10 की छात्राओं ने पानी एंथम पर नृत्य के जरिए जल संरक्षण का संदेश दिया। प्लास्टिक वेस्ट से बने चिड़ियाघर का शुभारंभ एसडीएम ऋतु प्रिया और डॉ. मनीष राजपूत ने किया।
विद्यालय की प्रधानाचार्या सपना सिंह ने कहा कि हम 5आर स्ट्रेटजी ( रिफ्यूज, रिप्लेस, रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल) पर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विद्यालय कई वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित है और इस दिशा में प्रभावी प्रयास कर रहा है। विद्यालय में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं की शिक्षा दी जाती है, जिसके चलते वह न केवल सामाजिक रूप से सक्रिय हो रहे हैं, बल्कि स्वच्छता और हरित जीवनशैली को भी अपना रहे हैं।

पर्यावरण के प्रति बच्चों की भागीदारी
सपना सिंह ने बताया कि विद्यालय के छात्र नियमित रूप से स्वच्छता अभियानों में भाग लेते हैं। वे स्कूल कैंपस की सफाई, घरों में स्वच्छता बनाए रखने और सामुदायिक कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जागरूकता फैलाते हैं। पिछले वर्ष से, हमने “प्लास्टिक रिड्यूस ” का कैंपेन चला रहे हैं जिसके अंतर्गत बच्चों ने प्लास्टिक कचरे को कम करने और इसे रीसाइक्लिंग के लिए भेजने में बड़ी भूमिका निभाई है। हमने विद्यालय में एक रीसाइक्लोप्लास्ट भी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत बच्चे अपने घरों से प्लास्टिक रैपर्स, बोतलें और अन्य कचरा संग्रहित कर लाते हैं और विद्यालय द्वारा उसे रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है। रिसाइक्लिंग से बने उत्पादों को स्कूल में प्रदर्शित किया गया, जिसमें बच्चों ने अपनी रचनात्मकता और इनोवेशन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया।

कला, विज्ञान और नवाचार का संगम
कार्यक्रम में बच्चों ने प्लास्टिक कचरे का उपयोग कर आकर्षक वस्त्र और क्रिएटिव मॉडल तैयार किए। आर्ट एग्ज़िबिशन और साइंस मॉडल डिस्प्ले में बच्चों ने अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाया गया, बल्कि उनकी रचनात्मकता और कौशल को भी बढ़ावा दिया गया।
स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास
विद्यालय परिसर में एक “मेडिसिनल नर्सरी” और “हीलिंग गार्डन” भी स्थापित किया गया है। यह बच्चों को प्रकृति के करीब लाने और पर्यावरण के महत्व को समझाने का अनूठा माध्यम है।
विद्यालय के प्रबंधक रोहित मिश्रा ने बताया कि, “हम न केवल बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देते हैं, बल्कि उनके समग्र विकास और कौशल निर्माण पर भी विशेष जोर देते हैं। हमारा उद्देश्य बच्चों को आत्मनिर्भर और पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिक बनाना है।” भी बन रहे हैं।