न्यूज़लिंक हिंदी। पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित होने के बाद अपने गांव संभल के गांव ऐचोड़ा कंबोह में मीडिया से पहली बार बातचीत करते हुए, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी बिना नाम लिए तीखा हमला बोला।
मुस्लिम तुष्टीकरण वाली छवि उस पर भारी पड़ रही
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हमेशा यह आरोप लगाया कि कांग्रेस और राहुल गांधी के आसपास कुछ ऐसे लोग इकट्ठे हो गए हैं जो हिंदुत्व के खिलाफ बोलने को ही राजनीति समझते हैं। लेकिन उन्हें लगता है कि हिंदू बहुल देश भारत में कभी हिंदुओं के खिलाफ बोलकर राजनीति नहीं की जा सकती। उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का स्वागत किया और इसे युग परिवर्तनकारी कदम बताया था। उनका मानना है कि कांग्रेस की इस दुर्गति का सबसे बड़ा कारण यही है कि वह हिंदुओं के समर्थन वाली राजनीति नहीं कर रही है। उसकी मुस्लिम तुष्टीकरण वाली छवि उस पर भारी पड़ रही है।
राम और राष्ट्र के नाम पर मैं कोई समझौता नहीं करुंगा
कांग्रेस पार्टी से निकाले जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस पर पूरी तरह से खफा हैं। आचार्य ने राहुल गांधी को कोसते हुए कहा कि आखिर क्या वजह है कि राहुल की इनती बड़ी न्याय यात्रा में प्रियंका गांधी शामिल नहीं हो रही हैं। सचिन पायलट राहुल गांधी की यात्रा में जरूर साथ हैं लेकिन वो जहर और अपमान का घूंट पीकर यात्रा में शामिल हैं। आचार्य ने कहा कि राम और राष्ट्र के नाम पर मैं कोई समझौता नहीं करुंगा।
कांग्रेस को मुझे पार्टी से मुक्त करने के लिए धन्यवाद देता हूं
आगे उन्होंने कहा कि राम और राष्ट्र पर कोई समझौता नहीं हो सकता। मैं चाहता हूं कि मुझे 6 साल के बजाय 14 साल के लिए निष्कासित किया जाए, क्योंकि भगवान राम भी 14 साल के लिए वनवास गए थे। कल रात कई मीडिया आउटलेट्स के माध्यम से मुझे पता चला कि कांग्रेस पार्टी ने एक पत्र जारी किया है। अपनी तरफ से केसी वेणुगोपाल ने पत्र में कहा है कि मुझे पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित किया गया है। सबसे पहले मैं कांग्रेस नेतृत्व को मुझे पार्टी से मुक्त करने के लिए धन्यवाद देता हूं। इसके साथ ही मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि कौन सी गतिविधियां थीं जिसके चलते मुझे निकाला गया।
मुझे बहुत अपमान सहना पड़ा
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा- क्या मैं धारा 370 को हटाने का विरोध भी शामिल था। जब डीएमके नेताओं ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की तो कांग्रेस को उनका समर्थन नहीं करना चाहिए था। मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं, कि राम और राष्ट्र पर कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। आज मैं आजाद हो गया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से जो वादा किया था कि वह मरते दम तक कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ूंगा, मुझे उन्होने खुद ही निकाल दिया तो अब मैं आजाद हो गया हूं। मुझे बहुत अपमान सहना पड़ा, फिर भी मैंने पार्टी नहीं छोड़ी।
मैंने राजीव गांधी से जो वादा किया था, वह बीच में आ जाता था इसलिए मैंने पार्टी नहीं छोड़ी। मैंने यह भी सोचा कि जो व्यक्ति अपने दादा-दादी, गुलाम आजाद से लेकर कमल नाथ, भूपेन्द्र सिंह हुडडा से लेकर दिग्विजय सिंह और आनंद शर्मा तक के साथ खड़े रहे लोगों का सम्मान करना नहीं जानता। ये वो लोग हैं जो इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के साथ थे, ये वो लोग थे। जिन्होंने राहुल गांधी का हाथ पकड़कर उन्हें चलना सिखाया।