दूसरी बार पेरेंट्स बनने के बाद मूसेवाला के परिजनों को लीगल नोटिस, पंजाब सरकार पर निकाला गुस्सा

उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से अनुरोध किया कि वे मां और बच्चे का इलाज पूरा होने दें, और फिर वह उनके मानदंडों का पालन करेंगे और सभी सवालों के जवाब देंगे।

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न्यूज़लिंक हिंदी। दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला के घर फिर से किलकारी गूंजना। बलकौर सिंह और चरण कौर एक बार फिर माता-पिता बने हैं। रविवार 17 मार्च को चरण 58 साल की उम्र में बेटे को जन्म दिया। इसी बीच वहीं मंगलवार रात बलकौर सिंह ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उनकी खुशी थोड़ी परेशानी में बदली नजर आ रही है। आइए जानें क्या है पूरा मामला।

दरअसल मूसेवाला की मां चरण कौर ने 58 साल की उम्र में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक का सहारा लेकर बच्चे को जन्म दिया था। भारत में आईवीएफ के लिए अधिकतम उम्र 50 वर्ष निर्धारित होने के कारण चरण कौर विदेश से इस तकनीक के जरिए गर्भवती हुईं थीं। अब इस मामले में परिजनों को लीगल नोटिस भेजने की बात सामने आई है।

सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह वीडियो में सरकार पर अपना गुस्सा निकालते नजर आ रहे हैं। वीडियो में कहते हैं कि, ”सभी को सत श्री अकाल.. आज मैं आपसे एक विशेष कारण से बात कर रहा हूं। जैसा कि आप जानते हैं, अभी दो दिन पहले, ईश्वर की कृपा और आपकी प्रार्थनाओं से, हम धन्य हो गए और शुभदीप हमारे पास लौट आया है। हालांकि, मैं सुबह से ही परेशान महसूस कर रहा हूं। मुझे लगा कि आपको भी पूरी स्थिति से अवगत कराया जाना चाहिए।

इस वीडियो में बलकौर सिंह कह रहे हैं कि सरकार परेशान कर रही है और वे बच्चे से संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कह रहे हैं। वे यह साबित करने के लिए कह रहे हैं कि बच्चा वैध है या नहीं।

उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से अनुरोध किया कि वे मां और बच्चे का इलाज पूरा होने दें, और फिर वह उनके मानदंडों का पालन करेंगे और सभी सवालों के जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि आईवीएफ प्रक्रिया के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था और वह दस्तावेज भी प्रस्तुत करेंगे।

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जानें क्या है आईवीएफ
(IVF) का मतलब इन विट्रो फर्टिलाइजेशन होता है। जब शरीर अंडों को निषेचित करने में विफल रहता है, तो उन्हें प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है। इसलिए इसे आईवीएफ कहा जाता है। एक बार जब अंडे निषेचित हो जाते हैं, तो भ्रूण को मां के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

आईवीएफ प्रक्रिया में शुक्राणु और अंडे का मिश्रण शामिल होता है। यह आमतौर पर एक डिश में तब तक होता है जब तक कि निषेचन नहीं हो जाता।

हालांकि, आईवीएफ एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है। इसलिए, विभिन्न मानदंडों की जांच करना महत्वपूर्ण है और इस तकनीक से जन्म लेने वाले बच्चों को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है।

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