न्यूज़लिंक हिंदी। रामनगरी अयोध्या में छठे दीपोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई है। बताया जा रहा है, कि इस बार 16 शोभायात्रा साकेत महाविद्यालय से निकल कर दीपोत्सव स्थल तक नगर भ्रमण करते हुए जाएंगी। इसके साथ ही इस बार राम जन्मभूमि मॉडल और काशी कॉरिडोर के साथ 2047 में अयोध्या के विकास पर आधारित झांकी की भी तैयारी की जा रही है। झांकियां सुबह 9 बजे साकेत महाविद्यालय से निकलेगी जो नगर भ्रमण करते हुए 1:00 बजे तक दीपोत्सव स्थल पहुंचेंगी।

झांकियों के मंच पर भगवान के विग्रह भी मौजूद होंगे। रामकथा पार्क में जब यह झांकियां पहुंचेंगी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरु विशिष्ठ की भूमिका में इनकी अगुवाई करेंगे। जब यह झांकियां राम कथा पार्क पहुंचेगी उसी समय त्रेता युग की तर्ज पर प्रभू श्रीराम पुष्पक विमान रूपी हेलिकाप्टर से पहुंचेंगे। उस समय सीएम योगी गुरु वशिष्ठ की भूमिका में नजर आएंगे और राज्याभिषेक का कार्यक्रम होगा। इसके लिए रामकथा पार्क राम दरबार की थीम पर सज रहा है।
16 लाख दीप जलाकर नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा..
दीपोत्सव में शोभायात्रा आम जनमानस श्रद्धालु सभी के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं, क्योंकि कुशल कलाकार अपनी-अपनी विधा में प्रदर्शन करते हुए शोभायात्रा में शामिल होते हैं। इस बार शोभायात्रा में 16 रथ शामिल होंगे, जिसमें 11 रथ सूचना विभाग और पांच रथ पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के द्वारा तैयार कराया जा रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल का यह पहला दीपोत्सव है। जिसको भव्य और दिव्य बनाने के लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही है। करीब 16 लाख दीप जलाकर राम की पैड़ी पर एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
ट्रकों पर निकाली जाएंगी झाकियां..
इस बारे में सूचना निदेशक डॉ मुरलीधर ने बताया कि सूचना विभाग की मुख्य भूमिका दीपोत्सव के दरमियान झांकी की होती है। मुख्यमंत्री के कार्यकाल में इस बार का छठवां दीपोत्सव मनाया जा रहा है। कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो। इस बार 11 खुली ट्रकों पर झांकियां निकाली जाएंगी जो रामायण कालीन दृश्यों पर आधारित होंगी, जिसमें भगवान राम के जन्म से लेकर राम राज्याभिषेक तक के प्रसंग रहेंगे। इसके अलावा बन रहे है। राम मंदिर का मॉडल और 2047 अयोध्या के विजन जिसमें अयोध्या के विकास का मॉडल पेश किया गया है। पर आधारित भी झांकी आकर्षण का केंद्र होगी।
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‘गुरु के चरणों में मिली भगवान को राम की उपाधि’..
कामधेनु आश्रम के महंत आशुतोष महाराज ने बताया कि कर्म धर्म और दायित्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है और भगवान राम का पूरा जीवन संघर्षमय रहा है। पूज्य गुरु जी के चरणों में रहकर भगवान राम को राम शब्द की उपाधि मिली। अगर राम को कोई राम बनाने वाला है तो गुरुदेव हैं।