Kanpur News: DM ने आरोग्य मेले में पकड़ा फर्जीवाड़ा, जो मरीज आए नहीं उनका रजिस्टर में दर्ज कर दिया नाम

-बिरहाना रोड स्थित अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण में आया मामला -जिलाधिकारी ने शक होने पर नंबरों पर किये कॉल, लोग-बोले हम तो कभी गये नहीं

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कानपुर। बिरहाना रोड पटकापुर स्थित नगरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा। रविवार को लगने वाले आरोग्य मेले के औचक निरीक्षण में जिलाधिकारी को रजिस्टर में 24 फर्जी मरीजों के नाम और नंबर लिखे मिले। एक ही हैंडराइटिंग में रजिस्टर में दर्ज मोबाइल नंबरों पर शक के आधार पर जिलाधिकारी ने फोन किया तो लोगों ने बताया कि वह कभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गये ही नहीं, इसपर जिलाधिकारी ने ऐसा करने वाली महिला डॉक्टर को जमकर फटकार लगाई और नोडल अधिकारी चिकित्सा को डॉक्टर पर निलंबन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए साथ ही सीएमओ से पूरे मामले में जांच के निर्देश भी दिये।

जिलाधिकारी का ताबड़तोड़ निरीक्षण सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है। जिलाधिकारी लगातार खेल के जड़ तक पहुंच रहे हैं। रविवार को जिलाधिकारी ने सुबह 10:35 बजे बिरहाना रोड स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, केपीएम का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्साधिकारी डॉ. दीप्ती गुप्ता एवं नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरएन सिंह उपस्थित मिले। जब जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित आरोग्य मेले में अब तक आए हुए मरीजों का विवरण मांगा तो ओपीडी रजिस्टर में दिनांक 16.02.2025 के स्थान पर 17.02.2025 अंकित पाया गया।

Dm पूछताछ करते हुये।

इसके साथ ही 24 मरीजों की प्रविष्टियां भी अंकित पाई गई। जिलाधिकारी ने जब रजिस्टर में अंकित मरीजों के एक मोबाइल पर संपर्क किया तो पता चला कि यह नंबर सेवा में नहीं है। इसके बाद दूसरे मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो फोन उठाने वाले व्यक्ति ने बताया कि उसका नाम सईद है और वह पटकापुर में रहता है। उसने बताया कि वह आज स्वास्थ्य केंद्र गया ही नहीं, इस संबंध में जब जिलाधिकारी ने चिकित्साधिकारी डॉ. दीप्ती गुप्ता से पूछताछ की तो उन्होंने यह स्वीकार किया गया कि स्वास्थ्य केंद्र में सुबह से कोई मरीज नहीं आया है। उनके द्वारा ही रजिस्टर में सभी प्रविष्टियां गलत रूप से अंकित की गई हैं।

जिलाधिकारी ने कहा न शर्म है और न डर
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने महिला डॉक्टर से कहा कि यह स्थिति अत्यंत आपत्तिजनक है। इस कार्य में न ही आपको शर्म आ रही है और न ही डर है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने अपनी सुविधा से पुराने पेशेंट के अभिलेखों को जोड़ दिया। यह दंडात्मक और नकारात्मक काम किया है। अगर डॉक्टर लेवल का अधिकारी सुबह-सुबह अभिलेखों में 25 पेशेंट की फर्जी एंट्री करेगा तो उससे लोगों का विश्वास टूटेगा। उन्होंने कहा कि यह दंडात्मक और नकारात्मक काम किया है। नोडल और सीएमओ क्या देख रहे हैं। इसे लेकर ऊपर बात करेंगे।

दवाइयों के स्टॉक रजिस्टर के मिलान के निर्देश
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र से दवाईयां भी उपलब्ध कराई जाती हैं, तो रजिस्टर में गलत प्रविष्टि कर के शासकीय दवाईयों के भी दुरूपयोग किए जाने की पूर्ण आशंका है। इस संबंध में उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य केंद्र के उपलब्ध कराई गई दवाइयों के स्टॉक रजिस्टर का भी मिलान कराया जाए। उन्होंने नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरएन सिंह को तत्काल संबंधित अभिलेख को अपने संरक्षण में लेकर संबंधित चिकित्साधिकारी के विरुद्ध समस्त तथ्यों की जांच करने के साथ ही निलंबन, विभागीय कार्यवाही के लिये शासन को लिखने के निर्देश दिये।

जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नगरीय स्वास्थ्य केंद्र केपीएम में निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितता गंभीर है। मुख्य चिकित्साधिकारी कानपुर को निर्देशित किया गया है कि इस संबंध में संबंधित चिकित्साधिकारी, नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एवं अन्य कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करें। इसके साथ ही रिपोर्ट मांगी है।

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