न्यूज़लिंक हिंदी। इंदौर से धोखाधड़ी का मामलासामने आया, यहाँ ताजा मामले में ठग गिरोह ने 65 वर्षीया महिला को जाल में फंसाकर उससे 46 लाख रुपये ठग लिये।
पुलिस ने मंगलवार को यह पूर्ण जानकारी दी। ‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का यह नया तरीका है। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।
उन्होंने ये भी बताया, ठग गिरोह के सदस्य ने महिला को झांसा दिया कि नशीले पदार्थों की खरीद-फरोख्त, आतंकी गतिविधियों और धन शोधन के लिए एक व्यक्ति ने उसके बैंक खाते का मुख्य दुरुपयोग किया है और इस शख्स से मिलीभगत के चलते महिला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, कि ठग गिरोह के सदस्य ने वीडियो कॉल के जरिये महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया और पांच दिन तक उससे फर्जी पूछताछ भी की। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इस पूछताछ के दौरान महिला को धमकी दी गई कि अगर उसने अपने बैंक खाते में जमा रकम गिरोह के बताए खातों में नहीं भेजी, तो उसे और उसकी संतानों को जान का खतरा भी हो सकता है।
उन्होंने ये भी बताया कि इस धमकी से घबराई महिला ने कुल 46 लाख रुपये गिरोह के बताए अलग-अलग बैंक खातों में दो किस्तों में भेज दिए। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि ठगी का अहसास होने पर महिला ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल और पुलिस को शिकायत भी दर्ज कराई।