न्यूजलिंक हिंदी एक्सप्लेनर। फलस्तीन को पूर्ण स्वतंत्र करने की मांग कर रहे आतंकी संगठन ‘हमास’ ने शनिवार को इजरायल के सात शहरों पर अचानक हमला किया है। बताया जा रहा है कि हमास ने एक के बाद एक 5,000 रॉकेट दाग दिए। एजेंसी रायटर्स के मुताबिक इस हमले में शारनेगेव शहर के मेयर समेत करीब 100 लोग मारे गए और 900 से ज्यादा घायल हुए हैं। हमास के लड़ाकों ने सीमावर्ती इजरायली शहरों में घुसकर कुछ विदेशी नागरिकों समेत 50 लोगों को बंधक बना लिया है।
हालांकि, इजरायल ने युद्ध का एलान करते हुए जवाबी हमला किया है। इजरायली सेनाओं के शुरुआती हमलों में फलस्तीनी इलाके गाजा पट्टी और कुछ अन्य स्थानों में रहने वाले 198 लोगों के मारे जाने और 1,610 के घायल होने की खबर है। हमास इजराइल के खिलाफ ‘ऑपरेशन अल अक्सा स्ट्रॉम’ छेड़ा है तो इजराइल ने जवाब में ‘ऑपरेशन आयरन स्वोर्ड्स’ लॉन्च किया है।

गाजा और यरुशलम पर कब्जे को लेकर विवाद
इसराइल और फिलिस्तीन के बीच सदियों से गाजा और यरुशलम पर कब्जे को लेकर विवाद है। इजराइल दुनिया का इकलौता यहूदी राज्य है। यह भूमध्य सागर के पूरब में है। फिलिस्तीन में अरबी रहते हैं। इजराइल का कहना है कि जिस इलाके में फिलिस्तीनी हैं, उस जमीन पर इजराइल का हक है। यह जमीन की लड़ाई है। यहूदी और अरब मुस्लिम दोनों ही इस भूमि पर अपना दावा करते हैं। दोनों के पवित्र तीर्थ स्थल विवादित जगह पर ही हैं। इस खूनी संघर्ष की शुरुआत 20वीं सदी की शुरुआत में हुई।
More than 200 killed in Hamas attack on Israel
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— ANI Digital (@ani_digital) October 7, 2023
यह भी जानिए
यूरोप में उत्पीड़न से भाग रहे यहूदी ओटोमन और बाद में ब्रिटिश साम्राज्य तक आ पहुंचे। वे एक अरब मुस्लिम-बहुल क्षेत्र में अपनी मातृभूमि की मांग कर रहे थे। अरब मुस्लिम इसके लिए तैयार नहीं हुए. उन्होंने कहा कि यह जमीन उन्हीं की है। संयुक्त राष्ट्र ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की और कहा कि थोड़ा-थोड़ा हिस्सा सबको मिलना चाहिए। इससे पहले इजराइल और आसपास के अरब देशों ने फिलिस्तीन में कई लड़ाइयां लड़ीं। वर्ष 1948 में और 1967 में भी दोनों के बीच खूनी जंग हो चुकी है।
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इजराइल ने वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर अपना अधिकार कर लिया। गाजा पट्टी एक फिलिस्तीनी क्षेत्र है। इस पर हमास शासन करता है। यह आतंकी संगठन है जो इजराइल को खत्म करना चाहता है। वहीं वेस्ट बैंक का कंट्रोल फिलिस्तीनी प्राधिकरण के पास है लेकिन ये इलाका इजराइल के कब्जे में है। यहां से फिलिस्तीनी आंदोलन और गतिविधियों पर इजरायली सेना नजर रखती है। यहूदी वेस्ट बैंक में लगातार निर्माण कर रहे हैं। यहां फिलिस्तीनियों को बसने नहीं दिया जाता है। गाजा पर एक इस्लामी आतंकी संगठन हमास का नियंत्रण है। इजरायल ने इस इलाके में नाकाबंदी तो की है लेकिन जमीन पर सेना का कब्जा नहीं है। इजराइल इस जमीन को अपना बताता है।
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हमास क्या है और कौन है इसका मुखिया?
हमास का चीफ मोहम्मद दाइफ है। इसने इजराइल के खिलाफ ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म लॉन्च किया है. उसने कहा कि अब बहुत हो गया है। उसने अपील की है कि फिलिस्तनी इस लड़ाई में हमास का साथ दें। हमास एक फिलिस्तीनी सुन्नी-इस्लामी कट्टरपंथी, उग्रवादी और आतंकी संगठन है। इसके दो हिस्से हैं। पहला हिस्सा ‘दावा’ और दूसरा हिस्सा ‘इज्ज अद-दीन अल-कसम ब्रिगेड है। हमास समूह ने साल 2006 में में फिलिस्तीनी विधायी चुनाव जीता और 2007 में गाजा की लड़ाई के बाद गाजा पट्टी पर अधिकार कर लिया। फिलिस्तीनी नेशनल अथॉरिटी की संसद में भी इसी समूह का बहुमत में है।
हमास ने इज़राइल पर हमला क्यों किया?
हमास कमांडर सलाह अरौरी के मुताबिक यह ऑपरेशन, फिलिस्तीन से इजराइल का कब्जा हटाने को लेकर शुरू हुआ है। मास के आतंकी चाहते हैं कि जेरुसलम में अल-अक्सा मस्जिद और इजराइल के कैद किए गए हजारों फिलिस्तीनी कैदियों की रक्षा हो।
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क्या अल अक्सा को लेकर है असली विवाद
इजराइल ने पिछले तीन दशकों में अल अक्सा मस्जिद परिसर पर अपना नियंत्रण कड़ा कर दिया है। फिलिस्तीनीयों का यहां पहुंचना मुश्किल है। आरोप है कि इजराइल इस इलाके में हिंसक छापेमारी करता है। इजराइल ने यहूदी कट्टरपंथी समूहों के लिए एंट्री आसान कर दी है। हमास का कहना है कि यहूदी 1967 से ही यहां कब्जा करना चाहते हैं। यहां के परिसर और गुंबदों को यहूदी नष्ट करना चाहते हैं। यह मस्जिद, यहूदी, मुसलमान और इसाइयों के लिए भी बेहद अहम है।
अल-अक्सा मस्जिद परिसर में किया था हमला
इजरायली सैनिकों ने पिछले हफ्ते अल-अक्सा मस्जिद परिसर में फिलिस्तीनी मुसलमानों पर हमला किया था। आरोप है कि कट्टरपंथी यहूदी संगठनों को पुलिस ने सुरक्षा दी है, जिससे वे इस इलाके में दाखिल हो सकें।