न्यूज़लिंक हिंदी, कानपुर। कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के 16 वर्षीय बेटे कुशाग्र कनोडिया के अपहरण और हत्या से पूरे शहर में रोष है. पीड़ित परिवार ने कहा है की पुलिस उसके बेटे के चरित्र की हत्या कर रही है। परिवार वालों ने पुलिस की आशनाई की कहानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीँ, जघन्य हत्याकांड के तीसरे दिन भी पुलिस कमिशनर डॉ. आर के स्वर्णकार पीड़ित परिजनों से मिलने नहीं पहुंचे। इससे परिजनों समेत लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
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परिवार वालों का कहना है कि 13 अक्टूबर को कुशाग्र का बर्थडे था, लेकिन उसे मनाया ही नहीं गया। उस दिन जयपुरिया स्कूल में कॉमफेस्ट था। इस वजह से कुशाग्र पूरे दिन घर में नहीं था। रात दस बजे उसने परिवार के लोगों के साथ ही केक काटा था। जिसकी तस्वीरें भी परिवार वालों ने साझा कीं।
कुशाग्र की मां सोनिया ने बताया कि 16 साल बाद काफी मान्यताओं से बेटी के जन्म के बाद समारोह में टयूशन शिक्षिका रचिता अपने प्रेमी प्रभात शुक्ला को लेकर आई थी। प्रभात गिफ्ट भी लेकर आया था। उसके बाद से रचिता का व्यवहार बदलने लगा था। मां ने बताया कि रचिता अक्सर शिकायत करती थी कि छोटा बेटा आदित्य उर्फ आदी अनुशासन में नहीं है।
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मां ने बताया कि इस वजह से उन्होंने रचिता को हटा दिया था और मेल टीचर रखने की बात कही थी। इसके बाद से रचिता का घर आना पूरी तरह से बंद हो गया था। मां ने बताया कि उन्होंने मार्च में रचिता को ट्यूशन से हटा दिया था तो वह नाराज थी।
प्रभात के घर पर भी बुलडोजर चलवाया जाए
परिवार वालों ने बताया कि आरोपी को उन्होंने ही पकड़कर पुलिस को सौंपा था। अगर देर हो जाती तो शायद उनके बेटे के शव का भी पता नहीं चलता। गुरुवार को डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार, एडीसीपी सेंट्रल आरती सिंह, एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर, एसीपी अकमल खां, एसीपी सृष्टि सिंह और इंस्पेक्टर रायपुरवा अर्चना शर्मा कुशाग्र के घर पहुंची और परिजनों से बातचीत की। परिजनों ने कहा कि प्रभात के घर पर भी बुलडोजर चलवाया जाए। परिजनों ने प्रभात के परिवार वालों और रचिता से मिलने गए उसके रिश्तेदार को भी आरोपी बनाने की मांग की।