परियोजना की पांचवी और कॉरिडोर-2 की पहली टीबीएम मशीन ‘गोमती‘ को रावतपुर एलिवेटेड स्टेशन के निकट बने लॉन्चिंग शाफ्ट से ‘अप-लाइन‘ पर लांच कर दिया गया।
कानपुर। यूपीएमआरसी ने मंगलवार को कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के सिविल निर्माण कार्य में एक और मील का पत्थर पार कर लिया है। कॉरिडोर-2 (सीएसए – बर्रा-8) के अंडरग्राउंड सेक्शन का टनल निर्माण कार्य शुरू हो गया। परियोजना की पांचवी और कॉरिडोर-2 की पहली टीबीएम मशीन ‘गोमती‘ को रावतपुर एलिवेटेड स्टेशन के निकट बने लॉन्चिंग शाफ्ट से ‘अप-लाइन‘ पर लांच कर दिया गया। यह मशीन सबसे पहले रावतपुर से कंपनी बाग चौराहे की दिशा में आगे बढ़ेगी और कॉरिडोर-2 डिपो रैंप तक लगभग 650 मीटर लंबे टनल का निर्माण करेगी। डाउनलाइन पर टनल निर्माण के लिए आने वाले दिनों में छठे टीबीएम मशीन को भी लांच किया जाएगा।
रावतपुर एलिवेटेड स्टेशन के विस्तार यानी इससे जुड़कर बन रहे अंडरग्राउंड स्टेशन के निर्माण के बाद, यह स्टेशन दोनों कॉरिडोर को जोड़ने वाला अहम स्टेशन होगा। अंडरग्राउंड स्टेशन के निर्माण स्थल पर कुछ दिन पहले ही ‘गोमती’ टीबीएम मशीन के सभी हिस्सों को लगभग 15 मीटर गहरे लॉन्चिंग शाफ्ट में लोअर या जमीन के नीचे उतारने की प्रक्रिया पूरी की गई थी। इसके बाद मशीन के सभी भागों और घटकों के असेंबलिंग की प्रक्रिया पूरी की गई। प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने मंगलवार को यूपीएमआरसी एवं कांट्रैक्टिंग एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बजर दबाकर मशीन को लॉन्च कर दिया। कॉरिडोर- 2 के लगभग 4.10 किमी लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन में सबसे पहले रावतपुर से कृषि विश्वविद्यालय के निकट स्थित कॉरिडोर-2 डिपो रैंप तक टनल का निर्माण होगा। इसके बाद मशीनों को दोबारा रावतपुर अंडरग्राउंड स्टेशन में बने लॉन्चिंग शाफ्ट से काकादेव की दिशा में लॉन्च किया जाएगा, जहां काकादेव और डबल पुलिया होते हुए मशीन डबल पुलिया रैंप तक टनल का निर्माण करेंगी। यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा, कि टनल बोरिंग मशीन, टनल निर्माण का सबसे प्रभावी और सुरक्षित माध्यम हैं। प्रबंध निदेशक ने टीबीएम लॉन्च के बाद कानपुर मेट्रो के निर्माणाधीन स्टेशनों का मुआयना कर परियोजना की प्रगति का जायजा भी लिया।
प्रदेश की नदियों के नाम पर रखा गया टीबीएम मशीन का नाम
कॉरिडोर-1 (आईआईटी – नौबस्ता) के अंतर्गत टनल निर्माण के लिए प्रयोग किए गए चारों टीबीएम मशीनों के नाम देश की आज़ादी में अहम भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारियों के नाम पर; ‘नाना‘, ‘तात्या‘, ‘आजाद‘ और ‘विद्यार्थी‘ रखे गए थे। आज लॉन्च हुई कॉरिडोर-2 (सीएसए – बर्रा-8) की पहली टीबीएम मशीन का नाम प्रदेश की महत्वपूर्ण नदी ‘गोमती‘ के नाम पर रखा गया है।
24 किमी लंबा है कॉरिडोर-1
24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। कॉरिडोर-1 के चुन्नीगंज से लेकर नौबस्ता तक बैलेंस सेक्शन और लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) का सिविल निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।