Kanpur News: सर्राफा कारोबारियों का सोना मिलने की उम्मीद जगी, आरोपी के ठिकाने तक पहुंची पुलिस

बजरिया थानाक्षेत्र के बेकनगंज इलाके से सराफा कारोबारियों का करोड़ों रुपये का सोना लेकर फरार हुए कारीगर संपत और महेश की लोकेशन मिलने के बाद पहुंची उनके ठिकाने तक पहुंच गई लेकिन दोनों हाथ नहीं आए।

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न्यूज़लिंक हिंदी। बजरिया थानाक्षेत्र के बेकनगंज इलाके से सराफा कारोबारियों का करोड़ों रुपये का सोना लेकर फरार हुए कारीगर संपत और महेश की लोकेशन मिलने के बाद पहुंची उनके ठिकाने तक पहुंच गई लेकिन दोनों हाथ नहीं आए। उनका ठिकाना महाराष्ट्र में सांगली का नागराले है जो कुख्यात अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। यहां पर देश के कोने-कोने से सोना लेकर फरार कारीगर फरारी काटते हैं।

नागराले सोना लेकर भागने वाले आरोपियों के लिए ठीक उसी प्रकार बदनाम है, जैसे साइबर अपराध के लिए जामताड़ा। सांगली के पुलिस कप्तान ने आरोपियों की तलाश के लिए कानपुर पुलिस की सहायता के लिए स्थानीय स्तर पर एक टीम गठित कर दी। टीम के पहुंचते ही उन्होंने पूछा कि कितना सोना गया है। पुलिस को अभी संपत के घर का पता नहीं चला है।

एसपी ने देखते ही पूछा कितना सोना गया है
डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि दो टीमों को आरोपियों की तलाश के सांगली भेजा गया था। अब तक सांगली में इनके ठिकाने की जानकारी नहीं हो सकी है। हालांकि एक नया तथ्य सामने आया कि नागराले सोना लेकर भागने वाले आरोपियों के लिए ठीक उसी प्रकार बदनाम है, जैसे साइबर अपराध के लिए जामताड़ा। डीसीपी ने बताया कि कमिश्नरेट की टीम जब एसपी सांगली से मिली तो बिना पता जानते ही उन्होंने पूछा कि कितना सोना लेकर भागे हैं।

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एक आधार कार्ड का सहारा
बेकनगंज सराफा बाजार में कारोबारी संपत राव लावटे नाम के कारीगर को पुराने सोने की ज्वैलरी गलाने के लिए देते थे। संपत मूलरूप से महाराष्ट्र के सांगली जनपद के नागराले मोहल्ले का रहने वाला है। संपत परिवार के साथ बिरहाना रोड में नील वाली गली में किराये का मकान लेकर रह रहा था, जबकि बेकनगंज में उसने एसआर गोल्ड टेङ्क्षस्टग के नाम से एक दुकान खरीदी थी। संपत के साथ महेश मस्के के नाम का एक अन्य व्यक्ति था। शुक्रवार को दोनों लापता हो गए।

शुक्रवार से लापता हैं दोनों
आरोप है कि दोनों बेकनगंज सर्राफा बाजार के करीब डेढ़ दर्ज सराफा कारोबारियों का करीब 15 किलो सोना भी हड़प ले गए हैं। मंगलवार को बजरिया थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। संपत व महेश मस्के के अलावा सूरज नाम के कर्मचारी को भी आरोपी बनाया गया है।

सांगली में नहीं मिला घर
डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि अब तक सांगली में इनके ठिकाने की जानकारी नहीं हो सकी है। हालांकि एक नया तथ्य सामने आया कि नागराले सोना लेकर भागने वाले आरोपियों के लिए ठीक उसी प्रकार बदनाम है, जैसे साइबर क्राइम के लिए जामताड़ा। डीसीपी ने बताया कि कमिश्नरेट की टीम जब एसपी सांगली से मिली तो बिना पता जानते ही उन्होंने पूछा कि कितना सोना लेकर भागे हैं।

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घर की दोबारा तलाशी
संपत के बरामद आधार कार्ड के आधार पर पुलिस महाराष्ट्र के सांगली पहुंची। लेकिन वहां दोनों आरोपियों का घर नहीं मिला है। हालांकि आधार कार्ड में मकान नंबर नहीं दर्ज है, केवल मयक्का मंदिर का जिक्र है। ऐसे में पते से संबंधित किसी अन्य दस्तावेज की तलाश में पुलिस ने संपत व महेश मस्के के घरों में गुरुवार को दोबारा तलाशी ली। हालांकि पुलिस को कुछ नहीं मिला।

ये है मामला
बेकनगंज सराफा बाजार में पुराने सोने के आभूषणों को गलाने के लिए यहां के तमाम कारोबारी पिछले 25 से 30 सालों से संपत राव लवेटे नाम के कारीगर को अपना सोना देते थे। संपत मूलरूप से महाराष्ट्र के सांगली जनपद के नागराले मोहल्ले के मयक्का मंदिर के पास का रहने वाला है। पुलिस को यह जानकारी संपत के एक बरामद आधार कार्ड से हुई है। हालांकि पता सही है या नहीं इसकी जानकारी अभी पुलिस को नहीं है।

संपत परिवार के साथ बिरहाना रोड में नील वाली गली में किराये का मकान लेकर रह रहा था, जबकि बेकनगंज में उसने एसआर गोल्ड टेस्टिंग के नाम से एक दुकान खरीदी थी। संपत के साथ महेश मस्के के नाम का एक अन्य व्यक्ति भी था। शुक्रवार से दोनों लापता हो गए हैं। आरोप है कि दोनों बेकनगंज सर्राफा बाजार के करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा सर्राफा कारोबारियों का करीब 20 किलो सोना हड़प ले गए हैं। बजरिया थाने में संपत व महेश मस्के के अलावा इनके यहां काम करने वाले कर्मचारी सूरज के खिलाफ रिपोर्ट लिखी गई है।

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