Kanpur: मेट्रो के भूमिगत सेक्शन में थर्ड रेल का काम शुरू, टनल के अंदर ट्रैक निर्माण कार्य तेज गति से बढ़ा आगे

कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 (आईआईटी - नौबस्ता) के भूमिगत भाग में इसके लिए पिछले कुछ दिनों से थर्ड रेल और उसके उपकरणों को जमीन के नीचे उतारने की प्रक्रिया चल रही थी।

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न्यूज़लिंक हिंदी। बड़ा चौराहा से नयागंज के बीच ‘अप-लाइन‘ टनल में 750 वोल्ट थर्ड रेल सिस्टम के उपकरण लगाने की शुरुआत मंगलवार से हो गई। कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 (आईआईटी – नौबस्ता) के भूमिगत भाग में इसके लिए पिछले कुछ दिनों से थर्ड रेल और उसके उपकरणों को जमीन के नीचे उतारने की प्रक्रिया चल रही थी। मंगलवार को बड़ा चौराहा से नयागंज के बीच ‘अप-लाइन‘ टनल में थर्ड रेल इंस्टॉल करने के लिए ब्रैकेट्स लगाने के कार्य किया गया। चुन्नीगंज-नयागंज सेक्शन के अंतर्गत सभी चारों भूमिगत स्टेशनों पर फिनिशिंग और टनल के अंदर ट्रैक निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है।

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थर्ड रेल प्रणाली में पारंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाली ओएचई (ओवर हेड इक्युपमेंट) प्रणाली की जगह पर ट्रैक के समानांतर बिछी हुई थर्ड रेल का प्रयोग किया जाता है। 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलने वाली कानपुर मेट्रो ट्रेनें परिचालन हेतु इसी थर्ड रेल का प्रयोग करतीं हैं। थर्ड रेल इंस्टॅालेशन शुरू होने पर मेट्रो टीम को बधाई देते हुये यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा, कानपुर मेट्रो के भूमिगत सेक्शन पर ट्रैक बिछाने का काम तेज़ी से हो रहा है। इसी के समानांतर मंगलवार से थर्ड रेल इंस्टॉल करने के काम की भी शुरुआत हो चुकी है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

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थर्ड रेल ट्रैक्शन सिस्टम और इसके फ़ायदे
थर्ड रेल प्रणाली के अंतर्गत ट्रेनों के परिचालन के लिए बिजली की सप्लाई ट्रैक के समानांतर बिछी हुई थर्ड रेल से मिलती है साथ ही, यह सप्लाई डायरेक्ट करंट (डीसी) होती है। थर्ड रेल ट्रैक्शन सिस्टम का मेंटेनेंस कम होता है, क्योंकि इसमें पतंगबाज़ी वग़ैरह की वजह से बिजली की सप्लाई ट्रिप या बाधित होने की आशंका नहीं होती। थर्ड रेल सिस्टम में बिजली के तारों का कोई सेटअप बाहरी तौर पर दिखाई नहीं देता, इस वजह से यह सिस्टम शहर के इन्फ़्रास्ट्रक्चर को सुंदर बनाए रखने में भी मददगार होता है।

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