न्यूज़लिंक हिंदी। लंदन में फलस्तीन समर्थन में निकाली गई रैली में हिंसा भड़कने के बाद 120 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल करीब तीन लाख फलस्तीन समर्थकों ने सेंट्रल लंदन में रैली निकाली थी। इसके जवाब में दक्षिणपंथी समर्थकों ने भी रैली निकाली और दोनों रैलियों के बीच टकराव हो गया जिसके चलते हिंसा और तेज़ हो गयी। पीएम ऋषि सुनक ने हिंसा की इस घटना पर चिंता जताई है।
बता दें कि, प्रथम विश्व युद्ध के खत्म होने की याद में ब्रिटेन में हर साल आर्मिस्टिक डे यानी युद्धविराम दिवस मनाया जाता है। इसी दिन लंदन में फलस्तीन समर्थकों ने गाजा में युद्धविराम की मांग को लेकर रैली निकाली। वहीं हिंसा भड़कने पर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसकी निंदा की और हमास के समर्थन में निकाली गई रैली की भी आलोचना की।
गौरतलब है कि रैली के दौरान यहूदी विरोधी नारेबाजी की गई और हमास के समर्थन में लोगों ने नारे लगाए और हमास के झंडे लहराए। गाजा में लड़ाई के बाद से ब्रिटेन में कई फलस्तीन समर्थक रैलियां निकाली गई हैं लेकिन शनिवार को निकाली गई रैली सबसे बड़ी थी।
रैली में हिंसा भड़कने की आशंका पहले से थी लेकिन लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस ने रैली पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। पुलिस का कहना है कि- उन्हें उम्मीद नहीं थी कि रैली के दौरान इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है। इस हिंसा के बाद लंदन में तनाव का माहौल है।
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प्रधानमंत्री ने पुलिस से इस हिंसा की गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया है। गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने फलस्तीन समर्थन में निकाली गई रैली को घृणा रैली करार दिया था। ब्रेवरमैन के बयान की लंदन के मेयर ने भी आलोचना की है।
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बता दें कि बीती 7 अक्तूबर को हमास के आतंकियों ने इस्राइल की सीमा में घुसकर 1400 लोगों की हत्या कर दी थी और 200 से ज्यादा लोगों को अगवा कर लिया था। उसके बाद इस्राइल ने गाजा पट्टी पर जवाबी हमला किया और इस्राइल के हमले में अब तक 11 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। अब दुनियाभर में गाजा पट्टी में युद्धविराम की मांग उठ रही है। हालांकि इस्राइल के पीएम ने साफ कर दिया है कि बंधकों की रिहाई तक कोई युद्धविराम नहीं होगा।