ईरान के जाल में फंस गए पीएम शहबाज, कर बैठे इमरान खान वाली गलती, आगे जानें कैसे

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न्यूज़लिंक हिंदी। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी दो दिनों की पाकिस्तान यात्रा पर बने हुए  हैं। इसे पाकिस्तान और ईरान के बीच संबंधों में तेजी के रूप में देखा जा रहा है। कुछ महीने पहले ही दोनों देश एक दूसरे पर हवाई हमला कर रहे थे और आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप भी लगा रहे थे। लेकिन, ताजा भू-राजनीतिक हालात ने इन दोनों को दोस्त बनने पर मजबूर कर दिया है।

पाकिस्तान में ईरानी राष्ट्रपति रायसी का रेड कारपेट वेलकम भी किया गया। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईरानी राष्ट्रपति की तारीफों के पुल भी बांधे हैं। लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि ईरानी राष्ट्रपति की अगवानी करके पाकिस्तान ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। दोनों देशों की दोस्ती में फायदा सिर्फ ईरान का है।

इस समय ईरान पर जंग का खतरा मंडरा रहा है। ईरान ने एक हफ्ते पहले इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलों और ड्रोन के जरिए हवाई हमला भी किया था। इसके जवाब में इजरायल ने भी इस्फ़हान शहर के पास ईरानी सैन्य अड्डे को निशाना भी बनाया। ईरान ने भले ही इजरायल के हमलों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी, लेकिन मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा अभी तक टला नहीं है।

ऐसे में ईरानी राष्ट्रपति का पाकिस्तान दौरा एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। यही कारण है कि ईरानी राष्ट्रपति ने अपने देश को खतरे में छोड़कर पाकिस्तान की यात्रा को ज्यादा तवज्जो दिया, जबकि वह जानते थे कि पाकिस्तान की यात्रा से उन्हें कुछ खास हासिल नहीं होने वाला है।

मिली जानकारी के अनुसार  फरवरी 2022 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ऐसी ही गलती की थी। उन्होंने यूक्रेन पर रूसी हमले की संभावना को देखने और अमेरिकी धमकियों के बावजूद मॉस्को की यात्रा की और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात भी की। पुतिन से इमरान खान की मुलाकात के 12 घंटे के अंदर रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। हालांकि, तब तक इमरान खान को यह यकीन नहीं था कि रूस सचमुच यूक्रेन पर हमला बोल देगा।

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