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पूर्व मंत्री व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म पर एक बार फिर अमर्यादित बयान दिया है। सोमवार को संविधान व आरक्षण संरक्षण सेना द्वारा गांधी भवन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की मांग पूरी तरह संविधान विरोधी है, ऐसी मांग करने वाले देशद्रोही हैं।
स्वामी यहीं नहीं रुके, उन्होंने वर्णों की उत्पत्ति को लेकर देवताओं पर भी अमर्यादित टिप्पणी की। हिंदू धर्म के बारे में कहा कि हिंदू फारसी शब्द है। फारसी में इसका मतलब चोर, नीच, अधर्म है। हम इसे धर्म कैसे मान सकते हैं।
स्वामी ने केंद्र और यूपी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि युवाओं का हक मार रही है, उन्हें रोजगार नहीं दिया जा रहा है। सरकारी संस्थान अडानी, अम्बानी जैसे उद्योगपतियों के हाथ में दिए जा रहे हैं।
स्वामी प्रसाद ने कहा कि यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी मंदिर जाने से रोक दिया जाता है। भारत कभी हिंदू राष्ट्र नहीं था, न कभी होगा। हिंदू धर्म, कोई धर्म नहीं है, यह जीवन शैली है। सत्ता में बैठे लोग संविधान खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। आरक्षण भी खत्म करने के प्रयास कर रहे हैं।
सपा नेता ने कहा कि संसद सत्र बुलाकर पीएम मोदी ने चंद्रयान की सफल लैंडिंग और आदित्य एल-1 की सफलता को अपने नाम करना चाहते हैं। हालांकि, इसके बाद हिंदू जागरण मंच के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने गांधी भवन से सभा कर वापस जा रहे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाकर विरोध जताया।