न्यूज़लिंक हिंदी, मणिपुर। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में बातचीत के जरिए ही शांति आ सकती है। आगे उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कोशिश है कि राज्य में जल्द से जल्द शांति बहाल हो सके।
बता दे कि केंद्रीय मंत्री ने राज्य में हिंसा के लिए हाईकोर्ट के उस आदेश को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें हाईकोर्ट ने मैतई को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आदेश दिया था। रिजिजू ने कहा कि ‘अगर कोई मणिपुर में शांति बहाल करना चाहता है तो उसे पहले मैतई और कुकी समुदायों से हथियार छोड़ने की अपील करनी चाहिए। हथियारबंद संघर्ष से कोई हल नहीं निकलेगा। सिर्फ बातचीत के जरिए ही राज्य में शांति आ सकती है। हमारी सरकार अगले चरण में इसी पर फोकस कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस साल प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण की शुरुआत भी मणिपुर में शांति की अपील से की थी और कहा था कि पूरा देश मणिपुर के साथ है, इसके बाद भी विपक्ष इस मुद्दे को भड़काने की कोशिश कर रहा है।’
हिंसा तब भड़की, जब हाईकोर्ट ने…..
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चार दिनों तक और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 22 दिनों तक मणिपुर में रहे और कई अन्य अधिकारी भी मणिपुर में शांति लाने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा तब भड़की, जब हाईकोर्ट ने मैतई को एसटी वर्ग में शामिल करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि ‘आपको नहीं लगता कि हाईकोर्ट ने बेहद अलग किस्म का आदेश दिया था? किसी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का काम सरकार का है और यह नीति संबंधी काम है।
रिजिजू ने कहा, जब हाईकोर्ट यह निर्देश देता है कि तीन महीने में किसी को जनजाति का दर्ज दिया जाना चाहिए तो दूसरी तरफ से इस पर प्रतिक्रिया होगी। इसी लिए हिंसा भड़की और अगर कोई ये कहता है कि केंद्र सरकार की वजह से मणिपुर में हिंसा हुई तो वह या तो बेवकूफ है या फिर बेहद दुर्भाग्यशाली है जो ऐसे बयान दे रहा है।’
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