Unnao News : सीएम आवास के बाहर महिला ने लगा ली आग,गोद में था बच्चा जाने पूरा मामला

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न्यूज़लिंक हिंदी। सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार से बाहर निकलते ही एक महिला ने आत्मदाह करने की कोशिश की, दहेज उत्पीड़न की शिकार उन्नाव की रहने वाले महिला सीएम आवास में जनता दरबार में आई थी।

जैसे ही वह बाहर निकली उसने खुद पर पेट्रोल जैसा ज्वलनशील पदार्थ डाल कर आग लगा ली, यह देख सीएम आवास में तैनात सुरक्षा कर्मी अलर्ट हो गए और तुरंत आग पर काबू करने के प्रयास में जुट गए। लेकिन, जब तक आग बुझा पाते तब तक महिला 80 फीसद झुलस गई थी।

आनन-फानन में महिला को लखनऊ के सिविल अस्तपाल में भर्ती कराया गया है, महिला अपने एक बच्चे के साथ लखनऊ आई थी। मिली जानकारी के मुताबिक, उन्नाव के पुरवा इलाके की रहने वाली महिला अंजनी जाटव मंगलवार को सीएम आवास में लगने वाले सीएम योगी के जनता दरबार में आई थी।

वहां से निकलने के बाद वह सीएम आवास के गेट नंबर तीन के पास पहुंची और खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालने लगी, जिसे देख कर सीएम आवास के सुरक्षा कर्मी उसकी ओर भागे, हालांकि तब तक महिला ने खुद को आग लगा ली थी।

सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह आग बुझाकर महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है, डॉक्टरों के मुताबिक, महिला की हालत अभी गंभीर है। फिलहाल इलाज किया जा रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि महिला पारिवारिक विवाद की शिकायत लेकर लखनऊ आई थी। उसके साथ एक बच्चा भी था।

पुलिस ने बताया कि आत्मदाह करने वाली महिला अंजली ने दो अगस्त को उन्नाव जिले के पुरवा थाने में अपने पति, देवर, सास और देवरानी के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के मामले में शिकायत भी की थी, इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज की गई थी।

इसके अलावा सोमवार को उसके पति देशराज और देवर बबलू को शांति भंग के मामले में जेल भी भेजा गया था, हालांकि महिला अपनी सास, देवरानी और 15 वर्षीय भांजे को भी जेल भेजने की भी जिद कर रही थी, जिस पर थाने में जांच के बाद कार्रवाई करने का भरोसा दिया गया था।

महिला के आत्मदाह करने के मामले में समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर मुख्य निशाना साधा है, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में हर तरफ अराजकता का माहौल बना हुआ है, जनता की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

आज एक महिला मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित जनता दरबार में अपनी पीड़ा बताने के बाद आत्मदाह करती है, यह उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली और जनता की सुनवाई नहीं होने का एक एहम उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि यह स्थिति हर कोई समझ सकता है कि आज प्रदेश में कहीं किसी की कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है, तमाम जिलों के लोग लखनऊ आने को मजबूर होते हैं और इस प्रकार की घटनाएं आए दिन लखनऊ में लगातार हो रही हैं।

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