न्यूज़लिंक हिंदी। बांदा जनपद के बबेरू न्यायालय में तैनात महिला सिविल जज जूनियर डिवीजन ने देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सनसनी फैला दी है। पत्र में महिला जज ने अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति मांगी है। महिला जज ने बताया है कि उनके साथ काफी अपमानजनक बर्ताव किया गया है जिससे वो काफी आहत हैं, अब वो मरना चाहती हैं जिसकी उन्हें इजाजत दी जाए। मुख्य न्यायाधीश को खुला पत्र और भारत की सभी कामकाजी महिलाओं के लिए एक संदेश संबोधित किया गया है। यह पत्र सोशल मीडिया में तेजी से वायरल है। सीजेआई ने इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगी है।
महिला जज से कई बार मोबाइल फोन पर संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन फोन नहीं उठा। वहीं मामला चर्चा में आने के बाद जज की सुरक्षा में दो महिला सिपाहियों के साथ तीन पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इस संबंध में आरोपित जिला जज ने फोन काल, वाट्सएप संदेश तथा एसएमएस का कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि इस वायरल पत्र की पुष्टि न्यायिक अधिकारी नहीं कर रहे हैं।
ये भी पढ़े : VIDEO: डंकी सॉन्ग पर क्रिस गेल हुए क्लीन बोल्ड, डांस देख शाहरुख खान भी हो गए गेल के मुरीद
पत्र में कही है ये बात
महिला जज के नाम से गुरुवार को एक पत्र एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर प्रचलित हुआ। उसमें जज ने यौन उत्पीड़न जैसा संगीन आरोप लगाते हुए इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। पत्र में कहा गया- ‘ मैं इसे बेहद दर्द और निराशा में लिख रही हूं। मेरे पास यह प्रार्थना करने के अलावा कोई उद्देश्य नहीं है कि मेरे सबसे बड़े अभिभावक (उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश) मुझे अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति दें।’
न्यायिक सेवा में उत्साह के साथ आने और आम लोगों को न्याय दिलाने की बात लिखते हुए पत्र में कहा गया है- ‘सेवा के अल्पकाल में ही खुली अदालत में डायस पर दुर्व्यवहार सहने का दुर्लभ सम्मान मिला। मैं एक अवांछित कीट की तरह महसूस करती हूं और मुझे न्याय की आशा है।’
शिकायत करोगी, तो प्रताड़ित किया जाएगा
मैं भारत की सभी महिलाओं से कहना चाहती हूं कि यौन उत्पीड़न के साथ जीना सीखे। यह हमारे जीवन का सत्य है। पोस एक्ट हमसे बोला गया एक बड़ा झूठ है। कोई सुनता नहीं, कोई परेशान नहीं करता। शिकायत करोगी, तो प्रताड़ित किया जाएगा। विनम्र रहें और जब मेरा मतलब है कि कोई नहीं सुनता, तो इसमें सुप्रीम कोर्ट भी शामिल है। आपको आठ सेकेंड की सुनवाई, अपमान और जुर्माना लगाने की धमकी मिलेगी।
ये भी पढ़े : UP News: हरियाणवी डांसर सपना चौधरी ने की योगी सरकार की जमकर तारीफ, राजनीति में आने पर कही ये बात
न्याय तो दूर, मैं अपने लिए निष्पक्ष जांच तक नहीं जुटा सकती
तुम्हें आत्महत्या के लिए प्रेरित किया जाएगा। और यदि आप भाग्यशाली हैं तो आत्महत्या का आपका पहला प्रयास सफल होगा। अगर कोई महिला सोचती है कि आप सिस्टम के खिलाफ लड़ेंगे तो मैं आपको बता दूं, मैं ऐसा नहीं कर सकती। और मैं जज हूं। न्याय तो दूर, मैं अपने लिए निष्पक्ष जांच तक नहीं जुटा सकती। मैं सभी महिलाओं को सलाह देती हूं कि वे खिलौना या निर्जीव वस्तु बनना सीखें।
मई माह से बांदा में तैनात हैं महिला जज
बबेरू न्यायालय में तैनात महिला जज लखनऊ की रहने वाली बताई जा रही हैं। वर्ष 2019 में वह जज बनी थीं। उनकी पहली तैनाती बाराबंकी में हुई थी। इसके बाद मई 2023 में उनका स्थानातंरण बांदा में हुआ था। इसके बाद से वह यहां तैनात हैं। प्रतिदिन वह बबेरू न्यायालय में मुकदमों की सुनवाई के लिए जाती हैं।