न्यूज़लिंक हिंदी। Hassan Nasrallah: जैसा की हम जानते है की इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जंग जारी है। इजराइली सैनिक गाजा में दाखिल हो गए हैं, और हमास के लड़ाके उनसे लड़ रहे हैं। इस युद्ध की आज वजह से दुनिया दो खेमों में बट गई है। एक वे देश हैं जो इजराइल का सम्पूर्ण रूप से समर्थन कर रहे हैं। और उसे हथियार और फंड दे रहे हैं। वहीं दूसरी और वह देश हैं जो गाजा के लोगों की समर्थन की बात कर रहे हैं। इस बीच एक नाम सामने निकलकर आया है। वह नाम है हसन नसरुल्लाह, जिसने हमास को खुला समर्थन देने का ऐलान किया है। आखिर कौन हैं नसरुल्लाह, जिन्होंने इजराइल को सीधे तौर पर चैलेंज करने की हिम्मत दिखाई है?
हसन नसरुल्लाह लेबनानी शिया इस्लामवादी कौम का ‘हिजबुल्लाह’ का नेता हैं। उनका जन्म 18 अगस्त 1960 में एक शिया परिवार में हुआ था। 1975 में जब लेबनीज सिविल वॉर छिड़ा तो उनके परिवार को Bazourieh में जाकर बसना पड़ा। उस वक्त नसरुल्लाह 15 साल के थे। उन्होंने सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ही अमल मूवमेंट नाम का एक ग्रुप ज्वाइन किया जो एक लेबनानी शिया राजनीतिक समूह था। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वह शुक्रवार को अपने अनुयायियों को संबोधित कर सकते हैं। जो इज़राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद उनका पहला पब्लिक कमेंट होगा।
‘हिजबुल्लाह’ कब ज्वाइन किया
1982 में लेबनान पर इज़रायली आक्रमण के बाद नसरुल्लाह हिज़्बुल्लाह में शामिल हो गए। 1989 में, हसन नसरुल्लाह ने क़ोम, ईरान का सफर किया, जहां उन्होंने अपनी धार्मिक पढ़ाई को आगे बढ़ाया. नसरुल्लाह मानना है कि इस्लाम किसी भी समाज की समस्याओं का समाधान रखता है। उन्होंने एक बार कहा था। “इस्लाम एक साधारण मजहब नहीं है जिसमें केवल नमाज और तारीफें शामिल हैं, बल्कि यह एक रूहानी मैसेज है जो इंसानियत के लिए बनाया गया था। और यह किसी भी सवाल का जवाब दे सकता है” जो इंसान अपने सामान्य और व्यक्तिगत जीवन के संबंध में पूछ सकता है। ”
1991 में नसरुल्लाह ने लेबनान में वापसी की और बतौर हजबुल्लाह के लीडर मुसावी की जगह ली। बता दें मुसावी की मौत इजरायली एयरस्ट्राइक में हो गई थी। नसरुल्लाह के नेतृत्व के दौरान, हिज़्बुल्लाह ने लंबी दूरी के रॉकेट हासिल किए, जिससे उन्हें नॉर्थ इजराइल पर हमला करने की ताकत मिली।