लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार आउटसोर्स सेवा निगम बनाएगी। इसके जरिये 6 लाख से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मियों को शोषण से मुक्ति मिलेगी। नए बजट में इसकी व्यवस्था की गई है। अब इन संविदा कर्मियों को वेतन का भुगतान सीधे निगम के जरिए उनके बैंक खातों में होगा। कार्मिकों के देय न्यूनतम पारिश्रमिक को 16 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18 हजार रुपये प्रतिमाह सुनिश्चित होगा। इसके अलावा संविदाकर्मियों को पांच लाख रुपये तक का फ्री इलाज मिलेगा।
बजट में उम्मीद थी कि प्रदेश सरकार आउटसोर्सिंग कर्मियों की पीड़ा को जरूर समझेगी और हुआ भी यही। बजट भाषण के बाद मुख्यमंत्री योगी ने इसका ऐलान किया। यह निगम कर्मियों की भर्ती, सेवाओं और सुविधाओं की निगरानी करेगा। निगम के माध्यम से वेतन सीधे कर्मचारियों के खातों में भेजा जाएगा और एजेंसियों को केवल कमीशन मिलेगा।
प्रदेश में इस समय 6 लाख से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मचारी काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य सहित जन सुविधाओं से जुड़े अहम विभागों के महत्वपूर्ण काम इनके हाथ में हैं। आउटसोर्सिंग के जरिए आने वाले इन कर्मचारियों के वेतन, सुविधाओं सहित अन्य सेवा शर्तों के मानक सरकार ने तय कर रखे हैं, जिन्हें पूरा करने का दावा भी एजेंसियां करती हैं। लेकिन, नियुक्ति से लेकर सेवा समाप्ति तक के मॉनिटरिंग का कोई व्यवस्थित तंत्र न होने से वह शर्तों का दुरूपयोग भी करती हैं।
अब नए प्रावधान से सभी एजेंसियों को निगम में पंजीकृत होना होगा। इसके जरिए ही विभाग एजेंसियों का चयन करेंगे। वहीं, एजेंसियां अपने कर्मचारियों के चयन की प्रक्रिया भी पूरी निगम की निगरानी में ही पूरा करेगी। पहले ही श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तावित नीति का प्रजेंटेशन दिया था। योगी ने नीति को प्रभावी और कर्मचारियों के हितों पर केंद्रित रखने के निर्देश दिए थे। खासकर, आउटसोर्सिंग के जरिए काम करने वाले सभी कर्मचारियों का ईपीएफ खाता हो, उसमें कंपनियों का अंशदान नियमित तौर पर जाए, इसमें विफल रहने पर एजेंसियों की सीधी जवाबदेही तय की जा सके, इसका तंत्र विकसित करने को कहा गया है। जिसे गुरुवार को बजट में हरी झंडी दी गई।
पुलिस वेरिफिकेशन का भी प्रस्ताव
दागी या आपराधिक प्रवृत्ति के लोग सेवाओं में न आ सके, इसलिए कर्मियों के पुलिस वैरिफिकेशन भी होंगे। निगम जहां नियुक्तियों की निगरानी करेगा वहीं, कर्मियों की सेवा समाप्ति में संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति को भी अनिवार्य बनाएगा। अलग-अलग कैडर के हिसाब से न्यूनतम वेतनमान भी निर्धारित किया जाएगा। कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए रेंडमाइजेशन की जगह एकेडमिक बेस्ड मेरिट प्रणाली लागू की जाएगी।
अब इन्हें भी मिलेगा मुफ्त चिकित्सा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी होमगार्डस, पी०आर०डी० जवान, ग्राम चौकीदार, शिक्षामित्र, बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदेशक एवं मानदेय के आधार पर कार्य करने हेतु वाले कार्मिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जाएगा।