Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या पर बन रहा है ये शुभ योग, पितृ दोष -शनि दोष से मिलेगी मुक्ति, जानें पूजा का सही तरीका

हिंदू धर्म के लिए मौनी अमावस्या का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। पंचांग के अनुसार, इस साल मौनी अमावस्या शुक्रवार, 9 फरवरी 2024 यानी आज मनाई जा रही है। यह भक्तों के लिए आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखती है।

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न्यूज़लिंक हिंदी। हिंदू धर्म के लिए मौनी अमावस्या का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। पंचांग के अनुसार, इस साल मौनी अमावस्या शुक्रवार, 9 फरवरी 2024 यानी आज मनाई जा रही है। यह भक्तों के लिए आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखती है। मौनी अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने काशी की गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। आज सुबह से ही श्रद्धालु गंगा के तट पर स्नान के साथ ही दान और पुण्य करते नजर आ रहे हैं। गंगा स्नान करने के बाद बाबा विश्वनाथ के दरबार में भोले भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। श्रद्धालु मौन होकर मां गंगा में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं।

ऐसा माना जाता है की अमावस्या के दिन पितर आत्मा की तृप्ति के लिए धरती पर आते हैं और परिजनों से तर्पण, श्राद्ध, भोजन की उम्मीद करते हैं. कहते हैं जो अमावस्या पर दान, पितृ पूजन आदि करता है उसे जीवनभर कभी कष्ट नहीं झेलने पड़ते, पूर्वजों के आशीर्वाद से उसका घर फलता फूलता है। इस साल मौनी अमावस्या 9 फरवरी 2024 को है।

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इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। साथ ही यह दिन पितरों के तर्पण के लिए विशेष माना जाता है। इसलिए प्रत्येक भक्तों को इस दिन अपने पूर्वजों का तर्पण जरूर करना चाहिए।

मौनी अमावस्या 2024 तिथि और समय

  • अमावस्या तिथि की शुरुआत – 9 फरवरी, 2024 – प्रात: 08:02 से
  • अमावस्या तिथि का समापन – 10 फरवरी 2024 – प्रात: 04:28 तक

मौनी अमावस्या पर बन रहा है ये शुभ योग
पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान पूजा-पाठ करना बेहद कल्याणकारी माना जाता है। बता दें, सर्वार्थ सिद्धि की शुरुआत सुबह 7 बजकर 5 मिनट से होगी। साथ ही इसका समापन रात को 11 बजकर 29 मिनट पर होगा।

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मौनी अमावस्या पूजा नियम

  • भक्त सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान जरूर करें।
  • पितरों के लिए देसी घी का दीया अवश्य जलाएं।
  • इस शुभ दिन पर पितृ तर्पण और पितृ पूजा अवश्य करें।
  • यह दिन हवन, गायत्री जाप और भगवद गीता का पाठ करने के लिए शुभ माना जाता है।
  • इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता।

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