वक्फ कानून के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीअत उलमा हिंद, जमाअते इस्लामी हिंद, जमीअत अहले हदीस, शिया धर्मगुरुओं के संयुक्त धरना प्रदर्शन की रूपरेखा तय की गई है।
इसमें कानपुर समेत उत्तर प्रदेश के अतिसंवेदनशील महानगरों में धरना प्रदर्शन से दूरी बनाकर रखी गई है। उत्तर प्रदेश में सिर्फ लखनऊ को चुना गया है, वहीं धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
अतिसंवेदनशील शहर में शुमार कानपुर में माहौल खराब होने में समय नहीं लगता। आजादी के बाद से कानपुर दर्जनों दंगे झेल चुका है और दंगे में एडीएम तक की हत्या हो चुकी है। कई बार शहर में आतंकी गतिविधियां भी मिल चुकी हैं।
दर्जन भर से अधिक आईएसआई एजेंट दबोचे जा चुके हैं। अभी पिछले महीने ही आर्डिनेंस फैक्ट्री से एक पाकिस्तानी जासूस दबोचा गया है। ऐसे में बोर्ड कानपुर को अपने कार्यक्रमों से दूर रखना चाहता है क्योंकि पता नहीं कब कौन माहौल खराब की साजिश रच दे।
वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई चल रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुप्रीमकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है। उसके बाद देशभर में धरना प्रदर्शन और बकरीद तक हर जुमा की नमाज में बाजू पर काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करने का आह्वान किया जा चुका है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक एवं वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि बोर्ड ने वक्फ कानून के खिलाफ अपना एजेंडा तय कर रखा है। यूपी में लखनऊ में कार्यक्रम होगा। कानपुर में कोई कार्यक्रम नहीं होगा लेकिन कानपुर मीडिया को ब्रीफिंग के लिए एक्टिव रहेगा।